इरफान खान का आज मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में निधन हो गया। अस्पताल में उन्हें पेट के संक्रमण की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया था। खान की 2018 में कैंसर की बीमारी का इलाज हुआ था। खान की 95 वर्षीय मां सईदा बेगम की तीन दिन पहले जयपुर में मृत्यु हो गई थी।
हाल में ही उन्होंने अंग्रेजी मीडियम फिल्म से वापसी की थी। इरफान खान हमारे बीच नहीं रहे, इस पर विश्वास करना सभी के लिए नामुमकिन सा है।
इरफान खान के प्रवक्ता ने कहा कि “मुझे विश्वास है, मैंने आत्मसमर्पण कर दिया है”; इरफान ने 2018 में कैंसर से अपनी लड़ाई के बारे में लिखा था। उन्होंने बताया कि यह दुखद है कि आज के दिन हम इरफान खान के निधन की खबर साझा करनी पड़ रही है। इरफान एक मजबूत शख्स थे, जिन्होंने अंत तक ये लड़ाई लड़ी है और सभी को हमेशा प्रेरित किया।
साल 2018 में पता चला था कि इरफान खान को न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर (Neuroendocrine Tumor) है। न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर के इलाज के लिए इरफान खान (Irrfan Khan) ने लंदन में साल भर तक इलाज कराया था।
न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर में अंत: स्रावी ग्रंथियों पर असर होता है। अंत स्रावी ग्रंथिया शरीर में हार्मोन का संचरण कराती है और इसे तंत्रिका तंत्र कंट्रोल करता है। न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर उस स्थिति को कहा जाता है जब तंत्रिकाओं की हॉर्मोन्स निकालने वाली इन ग्रंथियों की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विकसित हो जाती हैं।
न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर एक दुर्लभ प्रकार का ट्यूमर है, जो शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है। न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर ज्यादातर मामलों में फेफड़े, अग्नाशय, छोटी आंत, अपेन्डिक्स और रेक्टम को प्रभावित करता है।
न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर के लक्षण (Neuroendocrine Tumors (NETs): Symptoms)
- पसीने के बिना चेहरे या गर्दन में फ्लशिंग (लालिमा, गर्मी)
- पेट में दर्द, ऐंठन,
- हमेशा पेट भरा भरा लगना
- बिना वजह तेजी से वजन बढ़ना या घटना
- खांसी
- डायरिया
- सांस की तकलीफ
- तेजी से दिल की धड़कन
- उच्च रक्तचाप
- थकान
- कमजोरी
- पैरों और टखनों में सूजन
- त्वचा के घाव, त्वचा के पतले पैच, पतली त्वचा
- उच्च रक्त शर्करा का स्तर
- लगातार पेशाब
- बढ़ी हुई प्यास
- भूख ज्यादा लगना
- तनाव, घबराहट, चक्कर, अस्थिरता और बेहोशी
- बुखार और उल्टी
न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर के कारण (Neuroendocrine Tumors: Causes)
- न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर एक दुर्लभ बीमारी है। कई मामलों में पाया गया कि यह आनुवांशिक हो सकती है। इसका मतलब यह है कि माता-पिता में से किसी एक को अगर न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर है, तो उनके बच्चों में इसके होने का खतरा बना रहता है।
- इसके अलावा कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर होने की संभावना होती है।
- धूप भी न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर के कारणों में शामिल हो सकती है।
वेबएमडी के अनुसार, यह बीमारी कई तरह की होती है और यह शरीर के कई हिस्सों में हो सकती है। इसके लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि ट्यूमर किस हिस्से में बढ़ रहा है और किस तरह का है। इलाज से पहले इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि ट्यूमर कहां है।
एनईटी हार्मोन बनाने वाली सेल्स में बढ़ते हैं। एनईटी पैन्क्रीज (पेट में स्थित ग्रंथि) में भी हो सकता है। इसके अलावा यह पेट, आंत और फेफड़ों में भी हो सकता है। कुछ एनईटी कैंसर भी होते हैं जिसका मतलब यह है कि वे शरीर के अन्य भागों में फैल सकते हैं।
इनमें से कई ट्यूमर खुद हार्मोन भी बनाते हैं, जिससे कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं। अन्य प्रकार के न्यूरोरेन्ड्रोक्लिन ट्यूमर अपने मूल स्थान से नहीं हटते हैं। अधिकांश एनईटी अन्य ट्यूमर के मुकाबले धीरे-धीरे बढ़ते हैं जिसमें कई साल या महीने लगते हैं।